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खुबसूरत घाटियों की भूमि - जम्मू एवं कश्मीर

जम्मू-कश्मीर भारत का उत्तरी राज्य है, जिसकी सीमाएं हिमाचल प्रदेश और पंजाब राज्य के अलावा पूर्व में चीन व पश्चिम में पाकिस्तान से मिलती हैं | इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद-370 के तहत विशेष राज्य का दर्जा प्रदान किया गया है, जिसका अपना अलग संविधान व् राष्ट्रिय झंडा है | 26 अक्टूबर 1947 को महाराजा हरिसिंह द्वारा भारत के साथ विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद इसे भारतीय संघ में सम्मिलित किया गया था | इस राज्य में स्थित कश्मीर अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और खुबसूरत घाटियों के कारण धरती का स्वर्ग भी कहलाता  है | भारत के उत्तरी छोर पर स्थित जम्मू-कश्मीर पश्चिम से पूर्व की ओर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन द्वारा तथा दक्षिण में हिमाचल प्रदेश और पंजाब से घिरा हुआ है | जम्मू-कश्मीर का क्षेत्रफल 2,22,236 वर्ग किमी है | जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर और शीतकालीन राजधानी जम्मू है | इसकी जनसंख्या 1,25,41,302 (2011 के अनुसार ) है | राज्य की आधिकारिक भाषा उर्दू है | इसमें 22 जिले है | जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल नरिंदर नाथ वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती है |
सबसे प्रामाणिक ग्रन्थ राजतरंगणी और नीलमत पुराण के अनुसार, एक समय में कश्मीर में एक बहुत बड़ा झील था और कश्यप ऋषि ने इसके पानी को बाहर  निकाला था, जिसके कारण यह एक सुंदर निवासस्थान बना |  भौगोलिक परिवर्तन के कारण बारामूला के पास पानी के उत्प्रवाह के कारण झील का पानी घटता चला गया, जिसके कारण कश्मीर घाटी का निर्माण हुआ, जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता है |
तीसरी शताब्दी ई.पू. में अशोक ने कश्मीर में बौद्ध धर्म की शुरुआत की थी, जिसे बाद में कनिष्क ने विस्तार प्रदान की थी | छठी शताब्दी के प्रारंभिक काल  में कश्मीर घाटी पे मिहिर्कुला ने कब्जा कर  लिया था | 697-738 ईस्वी में ललितादित्य ने पूर्व में बंगाल तक, दक्षिण में कोंकण तक,उत्तर-पूर्व  में तिब्बत तक और उत्तर-पश्चिम में तुर्किस्तान तक अपने शासन का विस्तार किया था | 1752 ईस्वी में मुगल शासको के कमजोर नियन्त्रण के कारण अफगानिस्तान के शासक अहमदशाह अब्दाली ने कश्मीर पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया | इसके बाद लगभग 67 सालों तक कश्मीर घाटी में पठानों ने शासन किया था | रजा रणजीत देव ने 1733 से 1782 तक जम्मू पर शासन किया था | महाराजा रणजीत सिंह ने पंजाब के क्षेत्र पर अपना नियन्त्रण स्थापित कर लिया था | बाद में उन्होंने जम्मू के शासन की बागडोर डोगरा परिवार के वंशज गुलाब सिंह को सौंप दिया | इसके बाद 26 अक्टूबर 1947 तक जम्मू-कश्मीर राज्य पर डोगरा शासको ने  शासन किया था | लेकिन महाराजा हरिसिंह द्वारा भारतीय संघ में शामिल होने से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद इसे भारतीय संघ में शामिल कर लिया गया |

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