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Showing posts from November, 2017

मंगल ग्रह से जोड़े रोचक तथ्य

मंगल ग्रह यानि की लाल ग्रह एक अकेला ऐसा ग्रह है जिस पर वायुमंडल है और जिस का तापमान धरती के तापमान के समान है | मंगल ग्रह को फेरिक आक्साइड  की उपस्थिति के कारण लाल ग्रह भी कहा जाता है | हमारे सौर मंडल में मंगल ग्रह का स्थान चौथा है | पुरे सौरमंडल में यह ग्रह दूसरा सबसे छोटा ग्रह है | मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन की मात्रा 5%  और  कार्बन डाइऑक्साइड   की मात्रा 95% है | यूनान के लोग मंगल ग्रह को युद्ध का देवता कहते है | मंगल ग्रह की सतह(Surface)  थोलेईटिक बेसाल्ट की बनी है| मंगल ग्रह का वायुमंडल(Atmosphere) पर 95% कार्बन डाइऑक्साइड, 3% नाइट्रोजन, 1.6% आर्गन और बाकि ऑक्सीजन और पानी है| मंगल ग्रह का ओसत तापमान -55 डिग्री सेल्सियस है जबकि सर्दियों के समय यहाँ पर तापमान -87 डिग्री सेल्सियस और गर्मियों में -5 डिग्री सेल्सियस पर आ जाता है | मंगल ग्रह पर वातावरण(Environment) का दवाब धरती की तुलना में बेहद कम है इसलिय वहां जीवन बहुत मुश्किल है| मंगल ग्रह की सतह(Surface) पर धुल भरे तूफान उठते रहते हैं, कभी-कभी ये तूफान पुरे मंगल ग्रह को ढक लेते हैं| ये ग्रह प्रथ्वी की तुलना में सूर्य से 1.52

फरवरी में 28 दिन क्यों होते है?

दोस्तों यह तो सभी जानते है की फरवरी में 28 दिन होते है | पर क्या आप जानते है ऐसा क्यों होता है ? बात आठवीं शताब्दी की है जब रोम में रोम्यूलस कैलेंडर चलता था| इस कैलेंडर में एक साल में 304 दिन के 10 महीने होते थे, जो मार्च से शुरू होकर दिसम्बर पर ख़तम होते थे| लेकिन रोम के दुसरे राजा नुमा पोम्पिलिउस ने सोचा की  कैलेंडर को सही किया जाये और सही करने के लिए उन्होंने एक साल को चन्द्र वर्ष  जितना लम्बा कर दिया, इसके के बाद एक साल में 354.36 days   होने लगे| नुमा ने नये कैलेंडर में जनवरी और फरवरी दो नये महीने जोड़ दिए और उन्होंने हर महीने को ओड डेज का बनाया था क्यूंकि रोम में इवन नंबर को अशुभ मानाते है | लेकिन 355 दिनों  का एक साल बनाने के लिए उसे किसी एक महीने को इवन बनाना ही था तो नुमा ने फरवरी  में  28 दिन का कर दिए| इतने बदलाव करने के बाद भी कैलेंडर सही नहीं बन पाया और यह मौसम के हिसाब से नही बन सका| क्योंकि सर्दी के मौसम में गर्मी का मौसम और गर्मी के मौसम में बारिश का मौसम आने लगा| ऐसा इसलिए हो रहा था क्योंकि नुमा ने कैलेंडर को चंद्रमा के हिसाब से बनाया था ज

मोबाइल से जोड़े रोचक तथ्य (Amazing Facts about Mobile)

आज के समय में मोबाइल हर किसी की जिन्दगी का एक महत्वपूर्ण अंग बन चूका है मोबाइल तो सभी इस्तेमाल करते हैं क्या आपको पता है मोबाइल फ़ोन के कुछ ऐसे तथ्य हैं जिनको जानकार आपन दंग रह जायेंगे चलिए जानते हैं मोबाइल के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारी | मोबाइल फ़ोन के द्वारा सबसे पहली कॉल   मार्टिन कूपर   के द्वारा 3 अप्रैल 1973 में की गई थी। ये मोटोरोला कंपनी के कर्मचारी थे। सन 1983 में पहला मोबाइल फ़ोन बनाया गया था जो अमेरिका में बना था जिसकी कीमत 2.5 लाख रूपए रखी गई थी। यह मोटोरोला कंपनी का मोबाइल था। इसका नाम नाम Motorola Dyna TAC 8000X था | नोकिया ( Nokia ) का 1100 मोबाइल फ़ोन अब तक का सबसे ज्यादा बिकने वाला मोबाइल रहा है इस मोबाइल की बिक्री 250 मिलियन से भी ज्यादा हुई थी। मोबाइल की हिस्ट्री में यह एक रिकॉर्ड रहा है। जापान में 90 प्रतिशत लोग Waterproof   मोबाइल ( Mobiles ) का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि जापान में लोग नहाते समय भी मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। आपको यह जानकार हैरानी होगी के 70 प्रतिशत मोबाइल चाईना ( China ) में बनाए जाते हैं। दुनिया में 49 प्रतिशत लोग अपना मोबाइल गेम्

ताजमहल से जोड़े रोचक तथ्य (Amazing Facts about Taj Mahal)

दोस्तों यह तो सब जानते है की   ताजमहल को दुनिया की सबसे खूबसूरत और रोमांटिक इमारतों में से एक माना जाता है | लेकिन आज में आपको ताजमहल से जोड़ी कुछ एसी बाते बताऊंगा जो शायद आप नही जानते होंगे| हिन्दुओ के अनुसार ताजमहल एक शिव मंदिर है जिसका असली नाम "तेजोमहालय" है | क्योंकि किसी भी मुस्लिम देश में ऐसी कोई इमारत नही है जिसके नाम में महल शब्द है| क्योकिं ‘महल’ मुस्लिम शब्द नही है| यदि इतिहास पर नजर डाली जाए तो ताज़महल शाहजहाँ ने अपनी      सबसे प्रिय पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनाया   था और   इसे बनाने में 21 साल लगे थे| ताज महल को बनाने में 20,000 से भी ज्यादा मजदूरों ने काम किया था| ताज़महल यमुना नदी के किनारे बना हुआ है| ताजमहल का आधार एक एसी लकड़ी पर बना हुआ जिसे मजबूत बने रहने के लिए नमी की जररूत होती है| इस नमी को पास में बहने वाली यमुना नदी ही बनाए रखती है| सफेद ताजमहल बनने के बाद शाहजहाँ का सपना था कि वह अपने लिए एक ऐसा ही काला ताज़महल भी बनवाएँ लेकिन उनके बेटे औरंगजेब ने  उन्हें घर में ही कैद कर दिया और शाहजहाँ अपना सपना पूरा नही कर पाए | हम सभी बचपन से

उत्तर प्रदेश एक नज़र से

उत्तर प्रदेश  भारत   का  जनसंख्या के आधार पर  सबसे बड़ा राज्य है। उत्तर प्रदेश  भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में  नेपाल व  उत्तराखण्ड  , दक्षिण में  मध्य प्रदेश  , पश्चिम में  हरियाणा  , दिल्ली , राजस्थान  तथा पूर्व में बिहार  तथा दक्षिण-पूर्व में  झारखण्ड  व  छत्तीसगढ़  से  घिरा हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहबाद में  है।   यह राज्य 2,40,928 वर्ग किलोमीटर में विस्तारित है और इसमें 75 जिले हैं।  सन् 2011 की जनगणना के अनुसार यहां 19,98,12,341 से ज्यादा लोग रहते हैं और यह देश का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य है।  उत्तर प्रदेश  में कई ऐतिहासिक, धार्मिक, प्राकृतिक और मानव निर्मित पर्यटन स्थल हैं, जैसे ताजमहल, कौशाम्बी, वाराणसी, कुशीनगर, चित्रकूट, लखनउ, झांसी, मेरठ, इलाहाबाद और मथुरा आदि। उत्तर प्रदेश में अनेक नदियाँ है जिनमें गंगा , यमुना , बेतवा , केन , चम्बल , घाघरा , गोमती , सोन  आदि मुख्य है ।  अर्थव्यवस्था के हिसाब से उत्तर प्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े भाग कृषि और सेवा क्षेत्र हैं। उत्तर प्रदेश का प्रमुख व्यव

राजस्थान एक नजर से

राजस्थान भारत का एक राज्य है | राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है |  इसके पश्चिम में पाकिस्तान,  दक्षिण-पश्चिम में  गुजरात , दक्षिण-पूर्व में  मध्यप्रदेश , उत्तर में पंजाब , उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश  और ह रियाणा   है। राजस्थान शब्द का अर्थ है: 'राजाओं का स्थान' क्योंकि यहां मीणा ,गुर्जर, राजपूत, मौर्य, जाट आदि ने पहले राज किया था।  राजस्थान भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है। यह 30 मार्च 1949 को भारत का एक ऐसा राज्य बना, जिसमें तत्कालीन राजपूताना की ताकतवर रियासतें विलीन हुईं।  18 मार्च 1948 को शुरू हुई राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया कुल सात चरणों में एक नवंबर 1956 को पूरी हुई। इसमें भारत सरकार के तत्कालीन देशी रियासत और गृह मंत्री  सरदार वल्लभ भाई पटेल और उनके सचिव  वी.पी.  मेनन  की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी। इनकी सूझबूझ से ही राजस्थान के वर्तमान स्वरुप का निर्माण हो सका। राजस्थान में कुल 21 राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं।  सिरोही से अलवर की ओर जाती हुई 480  कि॰मी॰ लम्बी अरावली  पर्वत श्रृंखला प्राकृतिक दृष्टि से राज्य को दो भागों मे

नरेन्द्र मोदी : चाय बचने से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक का सफ़र

नरेन्द्र मोदी  14th Prime Minister of India भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री “नरेन्द्र मोदी जी” आज भारत के सबसे ज्यादा चर्चित व्यक्ति हैं| कवेल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उनके नाम के अनेकों प्रसंशक हैं| नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितम्बर 1950 को गुजरात के मेहसाना जिले के वडनगर में हुआ| मोदी जी के पिता का नाम दामोदर दास मोदी और माँ का नाम हीराबेन हैं| मोदी जी का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ, उनकी परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नही थी| मोदी जी बचपन में अपने पिता की चाय की दुकान में उनका हाथ बटाते थे और रेल के डिब्बों में चाय बचते थे| इन संघर्ष भरे दिनों का मोदी जी पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा| चाय की दुकान संभालने के साथ वे पढ़ाई पर भी ध्यान देते थे| मोदी जी के दोस्तों और टीचर्स का कहना है की वे बचपन से ही भाषण दने में न.1 थे| मोदी जी ने वडनगर से स्कुल की पढ़ाई पूरी की और political science में ग्रेजुएशन किया| बचपन से ही मोदी जी को देश के प्रति प्रेम था, वे 8 साल की उम्र में ही RSS से जोड़ गए थे| 1967 में 13 साल की उम्र में ही मोदी जी की सगाई जसोदाबेन  से कर दी गयी, और

कुम्भलगढ़ किला: भारत कि सबसे लम्बी दीवार

रा जस्थान के  राजसमंद जिले में स्थित कुम्भलगढ़ किले कि दीवार  36 किलोमीटर लम्बी तथा 15 फीट चौड़ी है।  इस किले का निर्माण 15 th century में महाराणा कुम्भा ने करवाया था। इस किले को कई घाटियों व पहाड़ियों को मिला कर बनाया गया है  | इस किले के अंदर 360 से ज्यादा मंदिर हैं जिनमे से 300 प्राचीन जैन मंदिर तथा बाकि हिन्दू मंदिर हैं। कुम्भलगढ़ महान शासक महाराणा प्रताप की जन्मभूमि भी है। इसके निर्माण कि कहानी भी बड़ी दिलचस्प है।   1443 में राणा कुम्भा ने इसका निर्माण शुरू करवाया पर निर्माण कार्य  आगे नहीं बढ़ पाया ,  क्यूंकि इसमें बहुत अड़चने आने लगी।   राजा इस बात पर चिंतित हो गए और एक संत को बुलाया। संत ने बताया यह काम    तभी आगे बढ़ेगा    जब स्वेच्छा से कोई मानव बलि के लिए खुद को प्रस्तुत करे। राजा इस बात से चिंतित होकर सोचने लगे कि आखिर कौन इसके लिए आगे आएगा। तभी संत ने कहा कि वह खुद बलि देने के लिए तैयार है| संत ने कहा कि उसे पहाड़ी पर चलने दिया जाए और जहां वो रुके वहीं उसे मार दिया जाए और वहां   एक देवी का मंदिर बनाया जाए। दोस्तों ठिक ऐसा ही हुआ और वह 36 किलोमीटर तक