रुपया शब्द का उद्गम संस्कृत के शब्द रुप् या रुप्याह् से हुआ है जिसका अर्थ कच्ची चांदी होता है | भारत में मुद्रा (currency) की शुरुवात छटी शताब्दी से पहले ही हो गई थी | भारत में रुपय की शुरुवात शेरशाह सूरी ने करी थी | शुरुवात में सिक्का चांदी से बनता था लेकिन आजादी के बाद सिक्का तांबे से बनाया जाने लगा | उसके के बाद 1964 में एल्युमीनियम से और 1988 में स्टेनलेस स्टील से बनने लगे | 1861 में गुलाम भारत में 10 रुपय के 1864 में 5 रुपय के और 1899 में 100 रुपय के नोट निकल गये थे | सन् 1917 में 1 रुपया 13 डॉलर के बराबर था | लेकिन जब 1947 में भारत आजाद हुआ 1 रुपया को 1 डॉलर के बराबर कर दिया गया | फिर धीरे-धीरे भारत पर कर्ज बढ़ने लगा तो इन्दिरा गांधी ने कर्ज चुकाने के लिय रूपये की कीमत कम करने का फैसला लिया और उसके बाद आज तक रूपये की कीमत घटती जा रही है | 1957 से पहले 1₹ में 16 आने होते थे लेकिन 1957 में 1₹ में 100 पैसे कर दिए गय | RBI ने जनवरी 1938 में पहली बार 5₹ की मुद्रा (currency) छापी थी | हम सभी को लगता है की नोट कागज से बनते है लेकिन नोट कागज से नही ...
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