ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत, भारत तथा बंगलादेश में होकर बहती है | ब्रह्मपुत्र का उद्गम तिब्बत के दक्षिण में स्थित आंग्सी ग्लेशियर (कैलाश-मानसरोवर के निकट) चेमायुंग दुंग नामक हिमवाह से हुआ है। आमतौर पर भारतीय नदियों के नाम स्त्रीलिंग में होते हैं पर ब्रह्मपुत्र एक अपवाद (exception) है | संस्कृत में ब्रह्मपुत्र का शाब्दिक अर्थ ब्रह्मा का पुत्र होता है।
- ब्रह्मपुत्र नदी की कुल लम्बाई 2900 किलोमीटर है |
- ब्रह्मपुत्र नदी अरुणाचल प्रदेश से भारत में प्रवेश करती है |
- जब ब्रह्मपुत्र पहाड़ी क्षेत्र से होकर अरुणाचल में प्रवेश करती है तो इसे सियांग कहा जाता है और अरुणाचल के मैदानी क्षेत्र में पहुंचने के बाद इसे दिहांग नाम से जाना जाता है |
- ब्रह्मपुत्र नदी अपने पूरे मार्ग में मुख्यत: दो बार दिशा बदलती है | एक बार चीन से भारत की सीमा में प्रवेश होने के समय और दूसरी बार भारत से बांग्लादेश में प्रवेश होने के समय |
- ब्रह्मपुत्र नदी भारत के दो राज्य अरुणाचल प्रदेश और असम से होकर बहती है | ब्रह्मपुत्र की लम्बाई असम में अधिक है |
- ब्रह्मपुत्र गंगा या पद्मा नदी से मिलकर सुन्दरबन डेल्टा का निर्माण करती है |
- ब्रह्मपुत्र बंगाल की खाड़ी सागर में मिलकर विलुप्त होती है | ब्रह्मपुत्र बंगाल की खाड़ी में मिलते समय मेघना के नाम से पुकारी जाती है |
- ब्रह्मपुत्र को चीन में या-लू-त्सांग-पू चियांग या यरलुंग ज़ैगंबो जियांग नाम से जाना जाता है |
- ब्रह्मपुत्र को तिब्बत में यरलुंग त्संगपो या साम्पो के नाम से जाना जाता है |
- ब्रह्मपुत्र को बंगलादेश में जमुना के नाम से जाना जाता है |
- असम के डिब्रूगढ तथा लखिमपुर जिले के बीच ब्रह्मपुत्र नदी दो शाखाओं में विभक्त हो जाती है। असम में ही नदी की दोनो शाखाएं मिल कर मजुली द्वीप बनाती है जो दुनिया का सबसे बड़ा नदी-द्वीप है।
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