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पद्म विभूषण-भारत का दूसरा उच्च नागरिक सम्मान

पद्म विभूषण भारत का दूसरा उच्च नागरिक सम्मान है | इस सम्मान की स्थापना भारत के राष्ट्रपति द्वारा 2 जनवरी 1954 में की गयी थी |
यह सम्मान किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट, असाधारण और उल्लखनीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है | यह सम्मान भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है | इस सम्मान में एक पदक और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है | 2017 तक, यह सम्मान 300 व्यक्तियों को दिया गया है | इस सम्मान की घोषणा गणतंत्र दिवस के दिन की जाती है | इस पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ताओं में सत्येंद्र नाथ बोस, नंदलाल बोस, जाकिर हुसैन, बालासाहेब गंगाधर खेर, जिग्म दोर्फी वांगचुक, और वीके कृष्ण मेनन थे, जिन्हें 1954 में सम्मानित किया गया था | 1954 के नियमों के अनुसार इस सम्मान को मरणोपरांत देने की अनुमति नहीं थी, लेकिन बाद में जनवरी 1955 में इस क़ानून में संशोधन किया गया | आदित्यनाथ झा, गुलाम मोहम्मद सादिक, और विक्रम साराभाई 1972 में मरणोपरांत सम्मानित होने वाले इस सम्मान के पहले प्राप्तकर्ता बने।

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यमुना नदी की महत्वपूर्ण जानकारी (Important information about river Yamuna)

यमुना जिसे जमुना के नाम से भी जाना जाता है भारत की एक नदी है | यमुना नदी गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है | यह यमुनौत्री नामक जगह से निकलती है | यमुना का उद्गम स्थान हिमालय  के हिमाच्छादित श्रंग बंदरपुच्छ ऊँचाई 6200 मीटर से 7 से 8 मील उत्तर-पश्चिम में स्थित कालिंद पर्वत है, जिसके नाम पर यमुना को कालिंदजा अथवा कालिंदी  कहा जाता है। पश्चिमी  हिमालय   से निकल कर  उत्तर प्रदेश  एवं  हरियाणा   की सीमा के सहारे 95 मील का सफर कर उत्तरी  सहारनपुर  (मैदानी इलाका) पहुँचती है। फिर यह दिल्ली,  आगरा   से होती हुई  इलाहाबाद   में गंगा   नदी में मिल जाती है। यमुना नदी की औसत गहराई 10 फीट (3 मीटर) और अधिकतम गहराई 35 फीट (11 मीटर) तक है। दिल्ली के निकट नदी में, यह अधिकतम गहराई 68 फीट (50 मीटर) है। आगरा में, यह गहराई 3 फुट (1 मीटर) तक हैं। यमुना नदी की लम्बाई 1,376 की.मी. हैं | यमुना नदी के किनारे बसे नगर दिल्ली, आगरा, हमीरपुर, इलाहाबाद आदि हैं | इसकी प्रमुख सहायक नदियों में चम्बल, सेंगर, छोटी सिन्ध, बतवा और केन  उल्लेखनीय हैं। दुनियां के सात अजुबों में से एक विश्‍व प्रसिद्ध इमारत ताजम

कावेरी नदी की महत्वपूर्ण जानकारी (Important information about river Kaveri)

कावेरी नदी कर्नाटक तथा उत्तरी तमिलनाडु में बहनेवाली नदी है | इसे दक्षिण की गंगा भी कहा जाता है | पु राणों ने इस नदी को अग्नि देवता की 16 नदी पत्नियों में से एक बताया है। कर्नाटक राज्य के कुर्ग के पास ब्रह्मगिरि पर्वत पर चंद्रतीर्थ ही इस नदी की उद्गम स्थली है। श्री रंगपट्टम, नरसीपुर, तिरुमकुल, शिव समुद्रम आदि कई तटवर्ती तीर्थ व नगर इसके किनारे स्थित हैं। कर्नाटक राज्य में  एक सुन्दर क्षेत्र है, कुर्ग । कुर्ग के ‘ब्रह्मगिरी’ (सह्या) पर्वत पर 'तालकावेरी' नामक तालाब है। यही तालाब कावेरी नदी का उदगम-स्थान है। यह सह्याद्रि पर्वत के दक्षिणी छोर से निकल कर दक्षिण-पूर्व की दिशा में कर्नाटक और तमिलनाडु से बहती हुई लगभग 800 किमी मार्ग तय कर कावेरीपट्टनम के पास बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है । कावेरी नदी में मिलने वाली मुख्य नदियों में हरंगी, हेमवती, नोयिल, अमरावती, सिमसा , लक्ष्मणतीर्थ, भवानी, काबिनी मुख्य हैं । कावेरी नदी तीन स्थानों पर दो शाखाओं में बंट कर फिर एक हो जाती है, जिससे तीन द्वीप बन गए हैं, उन द्वीपों पर क्रमश: आदिरंगम , शिवसमुद्रम तथा श्रीरंगम नाम से श्री विष्णु भग

गोदावरी नदी की महत्वपूर्ण जानकारी (Important information about Godavari river)

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