दोस्तों यह तो सब जानते है की ताजमहल को दुनिया की सबसे
खूबसूरत और रोमांटिक इमारतों में से एक माना जाता है| लेकिन आज में
आपको ताजमहल से जोड़ी कुछ एसी बाते बताऊंगा जो शायद आप नही जानते होंगे|
- हिन्दुओ के अनुसार ताजमहल एक शिव मंदिर है जिसका असली नाम "तेजोमहालय" है | क्योंकि किसी भी मुस्लिम देश में ऐसी कोई इमारत नही है जिसके नाम में महल शब्द है|क्योकिं ‘महल’ मुस्लिम शब्द नही है|
- यदि इतिहास पर नजर डाली जाए तो ताज़महल शाहजहाँ ने अपनी सबसे प्रिय पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनाया था और इसे बनाने में 21 साल लगे थे|
- ताज महल को बनाने में 20,000 से भी ज्यादा मजदूरों ने काम किया था|
- ताज़महल यमुना नदी के किनारे बना हुआ है| ताजमहल का आधार एक एसी लकड़ी पर बना हुआ जिसे मजबूत बने रहने के लिए नमी की जररूत होती है| इस नमी को पास में बहने वाली यमुना नदी ही बनाए रखती है|
- सफेद ताजमहल बनने के बाद शाहजहाँ का सपना था कि वह अपने लिए एक ऐसा ही काला ताज़महल भी बनवाएँ लेकिन उनके बेटे औरंगजेब ने उन्हें घर में ही कैद कर दिया और शाहजहाँ अपना सपना पूरा नही कर पाए|
- हम सभी बचपन से सुनते आए है, कि शाहजहाँ ने ताजमहल बनाने वाले मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे, ताकि वे मजदूरों ऐसा ही कोई दूसरा खूबसूरत महल ना बना सकें| लेकिन यह है एक अफवाह है क्योंकि जिस मिस्त्री उस्ताद अहमद लाहौरी ने ताजमहल बनाया था उसी ने बाद में लाल किले की नीव भी रखी थी।
- शाहजहाँ चाहता था कि ताज़महल में कोई कमी नही रहें| लेकिन ताजमहल में एक छेद है जिससे पानी सीधा मुमताज़ की कब्र पर गिरता हैं| कहा जाता है कि जब मजदूरों के हाथ काटने का आदेश दिया गया तब एक कारीगर ने यह छेद किया था|
- ताजमहल दिन में अलग-अलग समय में अलग-अलग रंगों में दिखाई देता है, सुबह के समय वह हल्का सा गुलाबी और शाम में दुधेरी सफ़ेद जैसा और रात में हल्का सुनहरा दिखाई देता है।
- बढ़ते प्रदूषण के कारण ताजमहल का रंग हल्का पीला पड़ने लगा है इसलिए इसके आसपास पेट्रोल और डीजल के वाहन बंद है|
- दुसरे विश्व युध्द, 1971 भारत पाकिस्तान युध्द और 9/11 हमले के समय ताज महल की सुरक्षा के लिए इसके गुमंद के चारों ओर बांस का सुरक्षा घेरा बनाकर इसे हरे रंग के चादर से ढक दिया गया था ताकि इसे दुशमन कोई नुक्सान ना पहुंचा पाए|
- ताजमहल को बनाने में 3.2 करोड़ रूपए खर्च हुए थे| आज ताज़महल की कीमत लगभग 6800 करोड़ रूपए है|
- ताजमहल को प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप और बिजली से बचाने के लिए इसकी चारों मीनारों को बाहर की ओर झुकाया गया है ताकि भूकंप आने पर या बिजली गिरने पर यह मीनार ताज महल की मैन गुंबद या कब्र को नुकसान ना पहुंचाए।
- ताजमहल में फव्वारे किसी पाइप से नहीं जुडे हुऐ बल्कि हर फव्वारे के नीचे एक तांबे का टैंक है और सभी टैंकों को एक ही समय पर भरा जाता है जिससे दबाब बनने पर ये फव्वारे चलते हैं|
- ताजमहल में शाहजहां और मुमताज की कब्र के ऊपर एक लैंप लटका हुआ है जो मिस्त्र के सुल्तान बेवर्सी दि्तीय की मस्जिद के लैंप की नकल है| ये लैंप 18 फरवरी, 1906 को ताजमहल में पहली बार जलाया गया था|
- करीब 12000 पर्यटक हर रोज ताजमहल को देखने के लिए आते हैं।
- ताज़महल को बनाने में 28 अलग-अलग पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है|इसमें लगा हुआ संगमरमर पत्थर राजस्थान, चीन, अफगानिस्तान और तिब्बत से लाया गया था|
- ताजमहल की सजावट का समान ले जाने के लिए 1,000 से भी जायदा हाथियों का इस्तेमाल किया गया था|
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