Skip to main content

नरेन्द्र मोदी : चाय बचने से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक का सफ़र

नरेन्द्र मोदी 

14th Prime Minister of India

भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री “नरेन्द्र मोदी जी” आज भारत के सबसे ज्यादा चर्चित व्यक्ति हैं| कवेल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उनके नाम के अनेकों प्रसंशक हैं|

नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितम्बर 1950 को गुजरात के मेहसाना जिले के वडनगर में हुआ| मोदी जी के पिता का नाम दामोदर दास मोदी और माँ का नाम हीराबेन हैं| मोदी जी का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ, उनकी परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नही थी| मोदी जी बचपन में अपने पिता की चाय की दुकान में उनका हाथ बटाते थे और रेल के डिब्बों में चाय बचते थे| इन संघर्ष भरे दिनों का मोदी जी पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा| चाय की दुकान संभालने के साथ वे पढ़ाई पर भी ध्यान देते थे| मोदी जी के दोस्तों और टीचर्स का कहना है की वे बचपन से ही भाषण दने में न.1 थे| मोदी जी ने वडनगर से स्कुल की पढ़ाई पूरी की और political science में ग्रेजुएशन किया| बचपन से ही मोदी जी को देश के प्रति प्रेम था, वे 8 साल की उम्र में ही RSS से जोड़ गए थे|

1967 में 13 साल की उम्र में ही मोदी जी की सगाई जसोदाबेन  से कर दी गयी, और 17 की उम्र में जसोदाबेन का गौना कर उन्हें घर लाया गया| लेकिन मोदी जी को विवाह में कभी रूचि नहीं थी, इस कारण उन्होंने घर छोड दिया| मोदी जी घर छोड़कर उतरी भारत में स्थित स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित हिन्दू आश्रम एवं कोलकाता के बेलूर मठ ऐसे ही कई आश्रमों का भ्रमण किया और करीब 2 साल बाद घर लौट आये|
इसके बाद मोदी जी RSS के सदस्य बन गए और दिन रात लोगों की सेवा करने लगे|
1975 में भारत में राजनैतिक झगड़े चल रहे थे तो उस समय की प्रधानमंत्री इंद्रा गाँधी ने कई राज्यों में आपातकालीन घोषित कर दिया और RSS को बन्द कर दिया| लेकिन मोदी जी फिर भी लोगों की सेवा में लगे रहे और RSS का प्रचार चलता रहा| उनके इस काम से खुश होकर उनको बीजेपी में शामिल कर दिया गया| 1988 में मोदी जी को गुजरात का आयोजन सचिव बना दिया गया| मोदी जी के योगदान से 1995 में बीजेपी को गुजरात चुनाव में काफी सहयोग मिला और इसी कारण 1995 में मोदी जी को राष्ट्रीय सचिव बनाया गया|

2001 में जब गुजरात के मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल की सेहत बिगड़ने लगी, बीजेपी चुनाव में कई सिट हार गयी थी| इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के रूप में मोदी को नए उम्मीदवार के रूप में रखा, लेकिन बीजेपी  के नेता लालकृष्ण आडवाणी को लगा की मोदी जी मुख्यमंत्री की जिम्मदारी ठीक से नही संभाल पाएंगे, और उन्होंने मोदी जी को उपमुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा| लेकिन मोदी ने उप मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया और आडवाणी व अटल बिहारी वाजपेयी से बोले कि यदि गुजरात की जिम्मेदारी देनी है तो पूरी दें अन्यथा न दें। आखिकार 3 अक्टूबर 2001 को मोदी जी केशुभाई पटेल के जगह गुजरात के मुख्यमंत्री बने गए| गुजरात में मोदी की सफलता देखकर बीजेपी के बड़े नेताओं ने मोदी को 2014 लोक सभा चुनावों का प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किया । मोदी जी ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 सीटें जीतकर बहुत बड़ी जित हासिल करी| उन्होंने 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमंत्री पद की शपत ली और आज वे स्वंत्रत भारत के 14वें प्रधानमंत्री है और कुशलता पूर्वक भारत की सेवा कर रहे हैं|

Dear knowledge chat readers आपको यह Biography कैसी लगी वो हमे comment के द्वारा जरुर बताइयेगा |

आपके दोस्तों और परिवार के साथ ये article facebook, twitter and whatsapp पे share करना ने भूले | अगर आपको ये article अच्छा लगा तो इसे like जरुर करे | ऐसी मजेदार जानकारी प्राप्त करने के लिए हमे subscribe करे |

Comments

Popular posts from this blog

यमुना नदी की महत्वपूर्ण जानकारी (Important information about river Yamuna)

यमुना जिसे जमुना के नाम से भी जाना जाता है भारत की एक नदी है | यमुना नदी गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है | यह यमुनौत्री नामक जगह से निकलती है | यमुना का उद्गम स्थान हिमालय  के हिमाच्छादित श्रंग बंदरपुच्छ ऊँचाई 6200 मीटर से 7 से 8 मील उत्तर-पश्चिम में स्थित कालिंद पर्वत है, जिसके नाम पर यमुना को कालिंदजा अथवा कालिंदी  कहा जाता है। पश्चिमी  हिमालय   से निकल कर  उत्तर प्रदेश  एवं  हरियाणा   की सीमा के सहारे 95 मील का सफर कर उत्तरी  सहारनपुर  (मैदानी इलाका) पहुँचती है। फिर यह दिल्ली,  आगरा   से होती हुई  इलाहाबाद   में गंगा   नदी में मिल जाती है। यमुना नदी की औसत गहराई 10 फीट (3 मीटर) और अधिकतम गहराई 35 फीट (11 मीटर) तक है। दिल्ली के निकट नदी में, यह अधिकतम गहराई 68 फीट (50 मीटर) है। आगरा में, यह गहराई 3 फुट (1 मीटर) तक हैं। यमुना नदी की लम्बाई 1,376 की.मी. हैं | यमुना नदी के किनारे बसे नगर दिल्ली, आगरा, हमीरपुर, इलाहाबाद आदि हैं | इसकी प्रमुख सहायक नदियों में चम्बल, सेंगर, छोटी सिन्ध, बतवा और केन  उल्लेखनीय हैं। दुनियां के सात अजुबों में से एक विश्‍व प्रसिद्ध इमारत ताजम

कावेरी नदी की महत्वपूर्ण जानकारी (Important information about river Kaveri)

कावेरी नदी कर्नाटक तथा उत्तरी तमिलनाडु में बहनेवाली नदी है | इसे दक्षिण की गंगा भी कहा जाता है | पु राणों ने इस नदी को अग्नि देवता की 16 नदी पत्नियों में से एक बताया है। कर्नाटक राज्य के कुर्ग के पास ब्रह्मगिरि पर्वत पर चंद्रतीर्थ ही इस नदी की उद्गम स्थली है। श्री रंगपट्टम, नरसीपुर, तिरुमकुल, शिव समुद्रम आदि कई तटवर्ती तीर्थ व नगर इसके किनारे स्थित हैं। कर्नाटक राज्य में  एक सुन्दर क्षेत्र है, कुर्ग । कुर्ग के ‘ब्रह्मगिरी’ (सह्या) पर्वत पर 'तालकावेरी' नामक तालाब है। यही तालाब कावेरी नदी का उदगम-स्थान है। यह सह्याद्रि पर्वत के दक्षिणी छोर से निकल कर दक्षिण-पूर्व की दिशा में कर्नाटक और तमिलनाडु से बहती हुई लगभग 800 किमी मार्ग तय कर कावेरीपट्टनम के पास बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है । कावेरी नदी में मिलने वाली मुख्य नदियों में हरंगी, हेमवती, नोयिल, अमरावती, सिमसा , लक्ष्मणतीर्थ, भवानी, काबिनी मुख्य हैं । कावेरी नदी तीन स्थानों पर दो शाखाओं में बंट कर फिर एक हो जाती है, जिससे तीन द्वीप बन गए हैं, उन द्वीपों पर क्रमश: आदिरंगम , शिवसमुद्रम तथा श्रीरंगम नाम से श्री विष्णु भग

गोदावरी नदी की महत्वपूर्ण जानकारी (Important information about Godavari river)

गोदावरी   दक्षिण   भारत  की एक प्रमुख  नदी  है| इसे दक्षिण की  गंगा  भी कहा जाता है। इसकी उत्पत्ति पश्चिमघाट की पर्वत श्रेणी के अन्तर्गत  त्रिम्बक  पर्वत से हुई है। यह  महाराष्ट्र  में  नासिक  जिले से निकलती है।    इसकी लम्बाई लगभग 1450 किलोमीटर है।   गोदावरी की  उपनदियों  में प्रमुख हैं प्राणहिता, इन्द्रावती, मंजिरा। यह महाराष्ट,तेलंगना और  आंध्र प्रदेश  से बहते हुए राजहमुन्द्री शहर के समीप  बंगाल की खाड़ी  मे जाकर मिलती है। गोदावरी नदी गंगा नदी के बाद भारत की सबसे बड़ी नदी है | महाराष्ट्र के नासिक नगर से 30 कि.मी. पश्चिम में ब्रह्मगिरि पर्वत से निकलकर गोदावरी नदी लगभग 1,450 कि.मी. तक प्रवाहित होकर मछलीपत्तनम नरसापुर के उत्तर तथा राजमहेन्द्री से 70 कि.मी. पूर्व ही सात भागों- कौशिकी, वृद्धगौतमी, गौतमी, भारद्वाजी, आत्रेयी तथा तुल्या वसिष्ठा में विभाजित होकर बंगसागर में प्रविष्ट हो जाती है। सात भागों में विभाजित होने से सप्त गोदावरी भी इसका नाम पड़ा है। नामकरण - कुछ विद्वानों के अनुसार, इसका नामकरण तेलुगु भाषा के शब्द 'गोद' से हुआ है, जिसका अर्थ मर्यादा होता है | एक बा